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  • छठ सूर्य उपासना सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

    छठ सूर्य उपासना सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

    छठ पर्व परअपने मन की बात के 94वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा, “छठ का त्योहार भी एक भारत श्रेष्ठ भारत का एक उदाहरण है। र्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव है।

    उत्तराखंड का उत्तरायण पर्व, केरल का ओणम, कर्नाटक की रथसप्तमी और पूर्वी भारत में छठ-पूजा सूर्योपासना के प्रमाण हैं। सूर्योपासन ऋगवैदिक काल से होती आ रही है। विष्णु पुराण, भगवत पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण आदि में सूर्योपासना का वर्णन है। मध्य काल तक छठ सूर्योपासना के व्यवस्थित पर्व के रूप में प्रतिष्ठित होती। पहले यह सूर्योपासना मंत्रों से होती थी। बाद में मूर्ति पूजा का प्रचलन हुआ तो यत्र तत्र सूर्य मन्दिरों का नैर्माण हुआ। भविष्य पुराण में ब्रह्मा विष्णु के मध्य एक संवाद में सूर्य पूजा एवं मन्दिर निर्माण का महत्व समझाया गया है।

    दिने दिने नवम् नवम्…. नमामि नंद नंदनंभारतीय संस्कृति के अनुसार नित्य नए उत्सव और पर्वों को मनाकर हम नित्य नवीन भावों से जीवन को भर लेते है। छठ पर्व पर सूर्य उपासना सांस्कृतिकराष्ट्रवादका प्रतीक है। भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एकता के प्रतीक पर्वों की कड़ी मे लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू तिल कुट माघी खिचड़ी अन्य अनेकादि नामों से जाने जाने वाले सभी पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं। #HappyChhath


    दिने दिने नवम् नवम्…. नमामि नंद नंदनं… भारतीय संस्कृति के अनुसार नित्य नए उत्सव और पर्वों को मनाकर हम नित्य नवीन भावों से जीवन को भर लेते है। छठ पर पीएम मोदी ने कहा कि सूर्य उपासना की परंपरा इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति, हमारी आस्था का, प्रकृति से कितना गहरा जुड़ाव

    छठ पूजा एक प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार है जो स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन के लिए सूर्य भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य के प्रकाश में विभिन्न रोगों और स्थितियों का इलाज होता है। पवित्र नदी में डुबकी लगाने से कुछ औषधीय और आध्यात्मिक लाभ भी मिलते हैं। इसे आज का विज्ञान भी मान्यता देता है, भारत में सूर्योपासना की परंपरा वैदिककाल से ही रही है

    आमतौर पर भारत में दिन सूर्य नमस्कार surynamaskar के साथ शुरु होता है। इसमें लोग सूर्य को जल चढ़ाते हैं और मंत्र पढ़कर प्रार्थना करते हैं। भारतीय लोग प्रकृति की पूजा Nature Worship करते हैं और यह इस संस्कृति की अनूठी बात है। हिंदू धर्म में पेड़ों और जानवरों को भगवान की तरह पूजा जाता है। लोग भगवान में विश्वास रखते हैं और कई त्यौहारों पर उपवास रखते हैं। वे सुबह का ताज़ा खाना गाय को और रात का आखिरी खाना कुत्ते को देते हैं। दुनिया में कहीं भी इस तरह की उदारता नहीं देखी जाती।

    सूर्य देव का वरदान है- सौर ऊर्जा: पीएम मोदी ने कहा, “सूर्य देव का ये वरदान है – ‘सौर ऊर्जा’। Solar Energy आज एक ऐसा विषय है, जिसमें पूरी दुनिया अपना भविष्य देख रही है और भारत के लिए तो सूर्य देव सदियों से उपासना ही नहीं, जीवन पद्धति के भी केंद्र में रह रहे हैं। भारत, आज अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ रहा है, तभी, आज हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है।”

    वैदिक साहित्य में ही नहीं आयुर्वेद, ज्योतिष, हस्तरेखा शास्त्रों में सूर्य का महत्व प्रतिपादित किया गया है। सौर-सिद्धांत के अनुसार हर जातक के पराक्रम, तेज, यश, ज्ञान, क्रोध और हिंसा के भाव सूर्य प्रभाव से निर्धारित होते हैं। सूर्य की उपासना से ओजस, तेजस और ब्रह्मवर्चस की प्राप्ति होती है। भारतीय ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। ये सिंह राशि के स्वामी है। पिता का प्रतिधिनित्व करने वाले सूर्य पुरुष ग्रह हैं, जिनके प्रभाव से आयु की गणना होती है। मंदिर, महल, जंगल, किला और नदी औरंगाबाद जिला के देव में अवस्थित इस सूर्य मंदिर का मुख पश्चिम दिशा की ओर है। मंदिर का शिल्प उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर से मिलता है, जो दो भागों में बना है। पहला गर्भ गृह, जिसके ऊपर कमल के आकार का शिखर है और शिखर के ऊपर स्वर्ण कलश है। दूसरा भाग मुखमंडप है, जिसके ऊपर पिरामिडनुमा छत और छत को सहारा देने के लिए नक्काशीदार पत्थरों का बना स्तंभ है। मंदिर का गुंबद करीब सौ फीट ऊंचा है।

    भारत के लिए, सूर्य भगवान की न केवल सदियों से पूजा की जाती रही है, बल्कि यह हमारे जीवन के तरीके का भी केंद्र बिंदु रहा है। आज प्रधानमंत्री ने कहा, भारत अपने पारंपरिक अनुभवों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ रहा है और सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाले सबसे बड़े देशों में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन को कैसे बदल रही है यह भी अध्ययन का विषय है। आपने कुछ दिन पहले, देश के पहले सूर्य ग्राम- गुजरात के मोढेरा की खूब चर्चा सुनी होगी। उन्होंने जानकारी दी कि मोढेरा सूर्य ग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं और अब वहाँ के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का चेक आ रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा देश, Solar Sector के साथ ही अंतरिक्ष सेक्टर में भी कमाल कर रहा है। पूरी दुनिया, आज भारत की उपलब्धियाँ देखकर हैरान है।

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