नई दिल्ली। Oct 23, 2022: बड़ी खबर है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने गांधी परिवार को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने गांधी परिवार की ओर से संचालित राजीव गांधी फाउंडेशन RGF का विदेशी चंदा लेने का अधिकार खत्म कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक नियमों का उल्लंघन पाए जाने के बाद इस गैर सरकारी संगठन का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
‘अपि शक्य गतिर्ज्ञातु पतताँ खे पतत्त्रिणाम्।
न तु प्रच्छन्न भवानाँ युक्तानाँ चरताँ गति।’
चाणक्य के अर्धशास्त्र के उक्त सूत्र का मतलब है आकाश में रहने वाले पक्षियों की गतिविधि का पता लगाया जा सकता है, किंतु राजकीय धन का अपहरण करने वाले कर्मचारियों का गतिविधि से पार पाना कठिन है।
उन्होंने भ्रष्टाचार के आठ प्रकार बताए हैं: प्रतिबंध, प्रयोग, व्यवहार, अवस्तार, परिहायण, उपभोग, परिवर्तन एवं अपहार।
’’प्रजा सुखे सुखं राज्ञः प्रजानां च हिते हितम ।
नात्मपि हितं राज्ञः प्रजानां त प्रियम् हितम ।।’’2
अर्थात जनता की खुषहाली में ही राजा की खुषहाली है, राजा को वो कार्य नही करना चाहिए जिसमें उसे स्वंय को प्रसन्नता मिले बल्कि उसे वे कार्य करना चाहिए जिसमें राज्य की जनता को प्रसन्नता की प्राप्ति हो।
आस्रावयेच्चोपचितान् विपर्यस्येच्च कर्मसु ।
यथा न भक्षयन्त्यर्थम् भक्षितां निर्वमन्ति या।
निहितार्थ यह है कि भ्रष्ट राजनेताओं को दंडित किया जाना चाहिए। सबसे सार्थक और भयानक सजा यह है कि उसे बहिष्कृत किया जाना चाहिए ताकि वह संपत्ति वापस कर सके और सजा भी भुगत सके।
न भक्षयन्ति ये त्वर्थान् न्यायतो वर्धयन्ति च ।
नित्यदिकारा: कर्यश्च राजना: प्रिययत राता: ।।
कहने का तात्पर्य यह है कि जो लोग सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं करते, वे राज्य को लाभ पहुंचाने के लिए उपयुक्त तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं को मजबूत पदों पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
घोटोलेबाजों से घूस के रूप में प्राप्त धन को कांग्रेस ने स्वयं प्राप्त नहीं किया है ऐसा वह कह सकती है क्योंकि घोटालेबाजों ने घूंस की धनराशि कांग्रेस को न देकर गांधी परिवार से संबंधित तीन ट्रस्टों को डोनेशन के रूप मेंं दी है।
ऑयल फॉर फूड प्रोग्राम के अंतर्गत सद्दाम हुसैन के समय इराक से यूपीए सरकार में समझौता किया था और सोनिया गांधी ने तत्कालीन विदेशमंत्री नटवर सिंह को परिचयात्मक पत्र दिये थे।
“Never seen or touched a barrel of oil”
It is expected that the facts in the Volcker Report be covered up the way
several transgressionsof Indian VIPs have been in the past, the better to
blackmail them with later. Congress including its leader Sonia Gandhi
claim that they have “Never seen or touched a barrel of oil” or Kick backs
in bofors. Smugglers never touch the smuggling goods.
जुलाई २३ को टाईम्स नाऊ में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार :
The Congress also received donations from fugitive businessman Mehul
Choksi but later the grand old party issued a clarification saying it received
no money from the absconding diamantire.
ऐसा आरोप है कि गांधी परिवार के भ्रष्टाचार के लिये वाया कांग्रेस तीन चोर दरवाजे हैं : राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट।
इन तीनों ट्रस्टों द्वारा कानून का उल्लंघन करने संबंधी जांच के लिये एक अंर्तमंत्रालय समिति का गठन गृहमंत्रालय कर चुकी है।
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट क्रत्रष्टञ्ज को २०११ में जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन से 50,00,000 रुपये मिले थेजाकिर नाइक के भाग जाने और एनआईए द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद दिसंबर 2016 में पैसा वापस कर दिया गया था क्रत्रष्टञ्ज का नेतृत्व अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं।
बाल गंगाधर तिलक ने कहा कि ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ और कांग के ‘बलाक’
कहते हैं कि ‘भ्रष्टाचार मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और किसी को भी मेरे परिवार पर भ्रष्टाचार
के आरोप लगाने का अधिकार नहीं है’। कहते हैं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा।
#GandhiTrustProbe
कौन हैं ट्रस्टी?
राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डॉ. शेखर राहा, प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन, डॉक्टर अशोक गांगुली, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी वाड्रा भी फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं।
1991 में स्थापित, RGF ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसने शिक्षा क्षेत्र में भी काम किया।
चीन से चंदे पर हंगामा
सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (पार्टी) ने फाउंडेशन को मिले चंदे को लेकर सवाल खड़े किए हैं। चीन से चल रहे तनाव के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया है कि चीन जैसे देश से राजीव गांधी फाउंडेशन ने दान लिया। उन्होंने 25 जून को एक वर्चुअल रैली के दौरान कहा कि 2005-06 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और चीनी दूतावास से 3 लाख अमेरिकी डॉलर लिए। नड्डा ने शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस पर आरोप दोहराए। उन्होंने कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच करीबी संबंध के आरोप लगाते हुए पूछा कि दोनों के बीच हस्ताक्षरित और अहस्ताक्षरित एमओयू क्या है? आरजीएफ ने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रैंडली कांटैक्ट के साथ काम किया। यह संगठन चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना से जुड़ा है। इसका उद्देश्य दूसरे देशों के नेताओं की आवाजों को दबाना है।
नड्डा ने कहा है कि लक्जमबर्ग जैसे टैक्स हैवन ने भी 2006 से 2009 के बीच हर साल दान किया। ऐसे एनजीओ और कंपनियों ने भी फाउंडेशन को दान दिए, जिनके गहरे हित थे। आखिर सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन सरकार, दूतावास से क्यों पैसे लिए? क्या पैसों के लिए राष्ट्रीय हितों को कुबार्न करना शर्मनाक नहीं है?
पीएम राहत कोष से फंड ट्रांसफर का आरोप
बीजेपी का आरोप है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा ट्रासंफर किया गया। नड्डा ने कहा है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने कई कॉर्पोरेट से भारी पैसा लिया। बदले में सरकार ने कई ठेके दिए। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सेल, गेल, एसबीआई आदि पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए दबाव बनाया गया। देश की जनता इसका कारण जानना चाहती है।
और भी कई आरोप
जेपी नड्डा ने कहा, ”राजीव गांधी फाउंडेशन न केवल घोटालों से पैसा लेता है बल्कि अपने संगठनों को भी देता है। राजीव गांधी फाउंडेशन ने परिवार द्वारा संचालित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और क्रिश्चियन मिशनरी वर्ल्ड विजन को पैसे क्यों दिए? नड्डा ने कहा कि मेहुल चौकसी ने भी आरजीएफ को पैसा दिया। उन्होंने पूछा कि आखिर मेहुल चौकसी का फाउंडेशन से क्या संबंध है।
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Jihad not only in Quran but also in Gita?