तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने पहली बार मंदिर की कुल संपत्ति की घोषणा की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को श्वेत पत्र जारी किया गया है, जिसमें बताया गया कि मंदिर का करीब 5,300 करोड़ का 10.3 टन सोना और 15,938 करोड़ नकद राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा है। मंदिर की कुल संपत्ति 2.26 लाख करोड़ की है।
तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की कुल संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये (लगभग 30 बिलियन अमरीकी डॉलर) से अधिक घोषित की गई है. मंदिर की ये संपत्ति किसी भी आईटी सेवा फर्म विप्रो (Wipro),खाद्य और पेय कंपनी नेस्ले (Nestle)और राज्य के स्वामित्व वाली तेल दिग्गज कंपनी ओएनजीसी (ONGC)और आईओसी (IOC) के बाजार पूंजी से भी अधिक है।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी कीमत पर तिरुपति मंदिर की कुल संपत्ति कई ब्लू-चिप भारतीय कंपनियों से ज्यादा है. शुक्रवार को कारोबार के अंत में बेंगलुरु की विप्रो का मार्केट कैप 2.14 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अल्ट्राटेक सीमेंट का मार्केट कैप 1.99 लाख करोड़ रुपये था. राज्य के स्वामित्व वाले तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) और Indian Oil Corporation का मूल्य भी मंदिर से कम निकला. इसके अलावा बिजली की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, ऑटो निर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स, दुनिया का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड आदि भी इससे पीछे हैं।
Rashtriya Thermal Power Corporation Ltd की बाजार पूंजी इस मंदिर की संपत्ति से कम है. Mahindra & Mahindra और Tata Motors तथा विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी Coal India Ltd, खनन कंपनी Vedanta, रियल एस्टेट कंपनी DLF तथा कई अन्य कंपनियां भी सूची में शामिल हैं. सिर्फ दो दर्जन कंपनियों की बाजार पूंजी मंदिर के न्यास की संपत्ति से अधिक है। इनमें Reliance Ind Ltd, Tata Consultancy Services, HDFC Bank, Infosys व अन्य शामिल हैं।
10 रहस्य: वैज्ञानिक भी नहीं उठा पाए पर्दा
कहा जाता है भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर बाल लगे हैं जो असली हैं। यह बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। मान्यता है कि यहां भगवान खुद विराजमान हैं।
यहां जाने वाले बताते हैं कि भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर सुनने पर समुद्र की लहरों की ध्वनि सुनाई देती है।
मंदिर में मुख्य द्वार पर दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है। इस छड़ी के बारे में कहा जाता है कि बाल्यावस्था में इस छड़ी से ही भगवान बालाजी की पिटाई की।
भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया सदैव जलता रहता है। इस दीए में न ही कभी तेल डाला जाता है और न ही कभी घी।
भगवान बालाजी के हृदय पर मां लक्ष्मी विराजमान रहती हैं। माता की मौजूदगी का पता तब चलता है जब हर गुरुवार को बालाजी का पूरा श्रृंगार उतारकर उन्हें
भगवान बालाजी के मंदिर से 23 किमी दूर एक गांव है, और यहां बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। यहां पर लोग बहुत ही नियम और संयम के साथ रहते हैं। मान्यता है कि बालाजी को चढ़ाने के लिए फल, फूल, दूध, दही और घी सब यहीं से आते हैं। इस गांव में महिलाएं सिले हुए कपड़े धारण नहीं करती हैं।
वैसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा को एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से बनी है, मगर यह पूरी तरह से जीवंत लगती है। यहां मंदिर के वातावरण को
भगवान की प्रतिमा को प्रतिदिन नीचे धोती और ऊपर साड़ी से सजाया जाता है। मान्यता है कि बालाजी में ही माता लक्ष्मी का रूप समाहित है। इस कारण
भगवान बालाजी के मंदिर से 23 किमी दूर एक गांव है, और यहां बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है। यहां पर लोग बहुत ही नियम और संयम के साथ रहते हैं। मान्यता है कि बालाजी को चढ़ाने के लिए फल, फूल, दूध, दही और घी सब यहीं से आते हैं। इस गांव में महिलाएं सिले हुए कपड़े धारण नहीं करती हैं।
मूर्ति को आता है पसीना भी
वैसे तो भगवान बालाजी की प्रतिमा को एक विशेष प्रकार के चिकने पत्थर से
जब मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे तो ऐसा लगेगा कि भगवान श्री वेंकेटेश्वर की मूर्ति गर्भ गृह के मध्य में है। लेकिन आप जैसे ही गर्भगृह के बाहर आएंगे तो चौंक जाएंगे क्योंकि बाहर आकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान की प्रतिमा दाहिनी तरफ स्थित है। अब यह सिर्फ भ्रम है या कोई भगवान का चमत्कार इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है।
Tags: Richest Tirupati Temple, Blue chip firms, Tirumala Tirupati’s 10 Mysteries, Tirupati wealth 2.26 lakh crores, Lord Venkateswara temple
Leave a Reply