Sanskritik Rashtravad
  • Home
  • Article
  • General
  • Politics
  • Sanskritik Rastravad
  • English
  • Login
No Result
View All Result
  • Home
  • Article
  • General
  • Politics
  • Sanskritik Rastravad
  • English
  • Login
No Result
View All Result
Sanskritik Rashtravad
No Result
View All Result
Home Article

सिर्फ अहिंसा से आज़ादी दिलाने वालों को भी हुई थी फांसी और अंडमान जेल काला पानी की सजा!

Premendra Agrawal by Premendra Agrawal
January 28, 2023
in Article, General, Politics, Sanskritik Rastravad
0
सिर्फ अहिंसा से आज़ादी दिलाने वालों को भी हुई थी फांसी और अंडमान जेल काला पानी की सजा!
0
SHARES
14
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

स्वातंत्र्य वीर सावरकर को फिल्माया बीबीसी के एक ब्रिटिश पत्रकार ने, सेलुलर जेल में। वीर सावरकर, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल आदि का अपमान करने वाले सभी लोग, भारत को स्वतंत्रता

सिर्फ अहिंसा से मिली कहकर क्रांतिकारियों को कमजोर करने का इरादा रखते हैं।

सेलुलर जेल में काला पानी की सजा भुगतने और भारत माता की जय का नारा लगा कर फांसी के फंदे को हंसते हुए चूमने वालों की लिस्ट प्रकाशित करे सरकार फिर चाहे वे अहिंसा से आज़ादी दिलाने वाले हों या या भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान, आदि।

स्वातंत्र्य वीर सावरकर इस दुनिया के एकमात्र ऐसे व्यक्तित्व हैं जिनकी किताब ‘1857 का स्वतंत्रता समर’ प्रकाशित होने से पहले ही अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई थी। यह वह किताब है जिसके द्वारा वीर सावरकर ने यह सिद्ध किया था कि 1857 की क्रांति जिसे अंग्रेज महज एक सिपाही विद्रोह ग़दर मानते हैं, वह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था। वीर सावरकर वही क्रांतिवीर हैं जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने क्रांति के अपराध में काले पानी की सजा देकर 50 साल के लिए अंडमान की सेल्युलर जेल भेज दिया था। 10 साल बाद जब वीर सावरकर काला पानी की दिल दहला देने वाली यातनाएं सहकर जेल से बाहर आए, तभी से हमारे देश के कुछ बुद्धूजीवी और वंशवादी पार्टी नेता अपने और अपने पूर्वजों के देश विरोधी काले कारनामें जैसे नेहरू ने मांगी थी माफ़ी छिपाने के लिए अंग्रेजों से माफी मांगने का आरोप वीर सावरकर पर लगा रहे हैं।

जिस माफीनामे के बारे में बताया जाता रहा है, वह सिर्फ़ एक सामान्य सी याचिका थी, जिसे फ़ाइल करना राजनीतिक कैदियों के लिए एक सामान्य कानूनी विधान था। पारिख घोष जो कि महान क्रांतिकारी अरविंद घोष के भाई थे, सचिन्द्र नाथ सान्याल, जिन्होंने एचआरए का गठन किया था, इन सबने भी ऐसी ही याचिकाए दायर की थी और इनकी याचिकाए स्वीकार भी हुई थी।

जॉर्ज पंचम की भारत यात्रा और प्रथम विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया में राजनीतिक बंदियों को अपने बचाव के लिए ऐसी सुविधाएं दी गयी थीं। सावरकर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, ‘जब-जब सरकार ने सहूलियत दी, तब-तब मैंने याचिका दायर की’। स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने भी अपनी याचिका इसीलिए दायर की थी कि कहीं ऐसा न हो कि उनका जीवन जेल की सलाखों के पीछे ही फंसकर समाप्त हो जाए और भारतीय स्वतंत्रता का उनका महालक्ष्य अधूरा रह जाए।

महात्मा गांधी ने भी 1920-21 में अपने पत्र ‘यंग इंडिया’ में वीर सावरकर के पक्ष में लेख लिखे थे। गांधी जी का भी विचार था कि सावरकर को चाहिए कि वे अपनी मुक्ति के लिए सरकार को याचिका भेजें।

न्यायालय ने तो वीर सावरकर को कब का बाइज़्ज़त बरी कर दिया था लेकिन हमने आज तक उस देशभक्त भारत माता के महान सपूत को कटघरे में खड़ा कर रखा है। हमें दुःख होना चाहिए कि अपने ही राष्ट्र नायकों पर हमने प्रश्न चिन्ह उठाए। यह क्रम अभी भी जारी है। हमारी सेना ने जो सर्जिकल स्ट्राइक की, लद्दाख से गलवान घाटी से न सिर्फ भगाया बल्कि १०० से अधिक चीनी सैनको को भी मार गिराया। उस भी प्रश्न चिन्ह ?

सिर्फ अहिंसा से आज़ादी दिलाने वालों को भी हुई थी फांसी और अंडमान जेल काला पानी की सजा!

भगत सिंह के गुरु थे करतारा। जेल में उनसे मिलाने उनके दादा गए तो उन्होंने कहा अरे करतारा तुम जिनके लिए फांसी पर चढ़ रहे हो वे तो तुमको गाली दे रहे हैं! दादा के कहने का तात्पर्य था की माफ़ी मांग कर जय से बाहर आ जाओ। करतारा ने पूछा क्या गॅरंटी है जेल से बाहर आकर कितने दिन मैं जीऊंगा, हो सकता है मुझे उसी समय सांप काट ले! दादा निरुत्तर हो गए!

स्वातंत्र्य वीर सावरकर कहते थे, ‘माता भूमि पुत्रो अहम् पृथिव्याः।‘ ये भारत भूमि ही मेरी माता है और मैं इसका पुत्र हूं।
नेहरू जी देश को एक जमीन का टुकड़ा मानते थे। उनके पद चिन्हों पर चलने वाली लॉबी आज भी भारत को भारत माता कहने में संकोच करती हैं।
Tags: 1963 film clipAndaman jailAzadi only by non-violenceCellularMakhanlal ChaturvediPushp Ki AbhilashaVeer Savarkar
Previous Post

Vedas and Puranas were written on Bhojpatra

Next Post

Clip from the 1963 film – Savarkar in Andaman Jail…? Clip from 1963 film viral as ‘original’ footage of Savarkar in Andaman jail

Premendra Agrawal

Premendra Agrawal

@premendraind @rashtravadind @lokshakti.in

Next Post
Clip from the 1963 film – Savarkar in Andaman Jail…?  Clip from 1963 film viral as 'original' footage of Savarkar in Andaman jail

Clip from the 1963 film – Savarkar in Andaman Jail…? Clip from 1963 film viral as 'original' footage of Savarkar in Andaman jail

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

QR CODE SCAN कर प्रेमेन्द्र अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़िए ऑनलाइन​

QR CODE SCAN कर प्रेमेन्द्र अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़िए ऑनलाइन​ QR CODE SCAN कर प्रेमेन्द्र अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़िए ऑनलाइन​ QR CODE SCAN कर प्रेमेन्द्र अग्रवाल द्वारा लिखित पुस्तकें पढ़िए ऑनलाइन​

Stay Connected test

  • 23.7k Followers
  • 99 Subscribers
  • Trending
  • Comments
  • Latest
मोदी है तो मुमकिन है: दुनिया को झुकाना आता है हमें, क्यों कि शेर हैं हम..

मोदी है तो मुमकिन है: दुनिया को झुकाना आता है हमें, क्यों कि शेर हैं हम..

January 9, 2023
विश्वभर में सनातन धर्म का पालन किया गया: भारत शाश्वत ‘विश्वगुरु’ है, इसीलिए वसुधैव कुटुम्बकम

विश्वभर में सनातन धर्म का पालन किया गया: भारत शाश्वत ‘विश्वगुरु’ है, इसीलिए वसुधैव कुटुम्बकम

January 18, 2023
कांचीपुरम जिले के पुराने मंदिर की दीवालों पर लिखित संविधान: Constitution written on the walls of the old temple in Kanchipuram district

कांचीपुरम जिले के पुराने मंदिर की दीवालों पर लिखित संविधान: Constitution written on the walls of the old temple in Kanchipuram district

January 18, 2023
सिर्फ अहिंसा से आज़ादी दिलाने वालों को भी हुई थी फांसी और अंडमान जेल काला पानी की सजा!

सिर्फ अहिंसा से आज़ादी दिलाने वालों को भी हुई थी फांसी और अंडमान जेल काला पानी की सजा!

January 28, 2023
‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के संस्थापक प्रभु श्री राम

‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ के संस्थापक प्रभु श्री राम

0
कोणार्क मोढेरा सूर्य मंदिर और सूर्य नमस्कार भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद  के प्रतीक

कोणार्क मोढेरा सूर्य मंदिर और सूर्य नमस्कार भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद  के प्रतीक

0
“श्री महाकाल लोक” : संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का स्वर्णिम संयोजन

“श्री महाकाल लोक” : संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रवाद का स्वर्णिम संयोजन

0
भारत की समुद्री विरासत और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

भारत की समुद्री विरासत और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

0

सरला देवी का जीवन: महात्मा गांधी के साथ प्रेम प्रसंग

January 26, 2023
भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम

भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम

January 27, 2023

Do Heirs of the killer of Subhash Bose rule India?

January 26, 2023

Subhash Bose was alive in 1948: CIA Leak case

January 26, 2023

Recent News

सरला देवी का जीवन: महात्मा गांधी के साथ प्रेम प्रसंग

January 26, 2023
भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम

भारत को आजादी दिलाने में सुभाष बोस की अहम् भूमिका : ब्रिटिश पी एम

January 27, 2023

Do Heirs of the killer of Subhash Bose rule India?

January 26, 2023

Subhash Bose was alive in 1948: CIA Leak case

January 26, 2023
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Contact Us: sanskritikrastravadindia@gmail.com

© 2022 Sanskritik Rastravad. All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • Home
  • Article
  • General
  • Politics
  • Sanskritik Rastravad
  • English
  • Login

© 2022 Sanskritik Rastravad. All Rights Reserved