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भोजपत्र पर लिखे जाते थे वेद और पुराण: Vedas and Puranas were written on Bhojpatra

Premendra Agrawal by Premendra Agrawal
January 11, 2023
in Article, Politics, Sanskritik Rastravad
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भोजपत्र पर लिखे जाते थे वेद और पुराण: Vedas and Puranas were written on Bhojpatra
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पुरातनकाल में जब लिखने के लिए कागज का आविष्कार नहीं हुआ था, तब वेदों और पुराणों की रचना विषेशकर भोजपत्र, पाम पत्र, ताम्रा पत्र  पर लिखकर की गई थी। मंदिरों की दीवालों पर भी प्राचीन शिलालेख पाए जाते हैं।  भोजपत्र एक ऐसा दुर्लभ पत्र है जो  हिमालय की तराई के घने जंगलों से प्राप्त किया जाता था। 

आध्यात्मिक नगरी देवघर के एक नर्सरी में भोजपत्र का दुर्लभ पेड़ लगाकर प्राचीन भारत की समृद्ध विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयत्न अब हो रहा है।

भोजपत्र के पौधे को हिमाचल से लाकर यहां लगाया गया है।  इस पौधे की विशेषता है कि इसके तने को किसी भी जगह पर दबाने पर गड्ढा बन जाता है. और परत दर परत इसके छाल निकाले जा सकते हैं।

भोजपत्र में लिखी गई कोई भी चीज हजारों वर्ष तक रहता है. उस काल के विक्रमशिला, मिथिला, नालंदा या अन्य विश्वविद्यालय में भोजपत्र पर लिखे अनगिनत ग्रंथ थे, जिन्हें विदेशी आक्रमण के दौरान नष्ट कर दिया गया था।  बाद में भोजपत्र पर लिखे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को अंग्रेजों के शासनकाल में यहा से उठा कर जर्मनी ले जाया गया था जो आज भी वहां के म्युनिक पुस्तकालय में सुरक्षित है।

भोजपत्र में लिखी गई कोई भी चीज हजारों वर्ष तक रहती है. उस काल के विक्रमशिला, मिथिला, नालंदा या अन्य विश्वविद्यालय में भोजपत्र पर लिखे अनगिनत ग्रंथ थे, जिन्हें विदेशी आक्रमण के दौरान नष्ट कर दिया गया था।  बाद में भोजपत्र पर लिखे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को अंग्रेजों के शासनकाल में यहा से उठा कर जर्मनी ले जाया गया था जो आज भी वहां के म्युनिक पुस्तकालय में सुरक्षित है।

Tags: Ancient inscriptionsDevghar’s bhojpatraHimalayas’ bhjpatraPalm patra.Tamra patraTemple walls shilalekhVedas Puranas on Bhojpatra
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